सर्वश्रेष्ठ prompt-4
सर्वश्रेष्ठ prompt-4
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रिश्ते, काया सब हमें जन्म से मिलते हैं,
शरीर कैसा दिखेगा उसमें हमारा कोई वश नहीं ।
हम सब ईश्वर की कृति कहलाते हैं,
फिर किसी को पतला किसी को मोटा कहते हम झिझकते क्यों नहीं ।
हर मानव अद्वितीय होता है,
हम किसी और की प्रतिकृति बनने से रुकते क्यों नहीं।
अपने आप पर विश्वास करना ही आस्तिक होना है,
दूसरों के कहे अनुसार खुद को तराशना छोड़ते क्यों नहीं ।
अपने आपको स्वीकार करना ही सहअस्तित्व की नींव है,
जैसे है वैसे ही सर्वश्रेष्ठ हैं दूसरों जैसा बनने की कोशिश करना नहीं।