सर्दियों के दिन
सर्दियों के दिन
ये सर्दियों के दिन हैं,
गुनगुनी धूप है,
खिला प्रकृति का रूप है,
सरसों खेत में लहलहाती है,
सुबह की मद्धिम किरण मुस्कुराती है,
रात की चांदनी से प्रकृति का श्रृंगार है,
चांद की रोशनी में पेड़ पर खिलता चकोर पक्षी का प्यार है,
घरों की छतों पर रजाइयां आती हैं,
साथ ही मुंडेर पर गौरेया चहचहाती है,
ये सर्दियों के दिन है,
फूल चर्मोत्कर्ष से खिलते हैं,
पंछी भी प्रेम से मिलते हैं।