सराय
सराय
न करो कोई शिकायत
जो बिछड़ गए हम
मंजर मंजर तुमको ढूंढा
खुद से होकर अनजान
फासलों का फैसला तो
सफर का था
जो हम चुप रह गए
तो किस्मत बगावत
करने लगी।
न हम काफिर
न अनाड़ी
बस खुद से ही जुदा हो गए,
दिल को तेरे एहसास
है कि नहीं
है दिल मेरा एक आगार
कोई सराय नहीं।