सप्तपदी
सप्तपदी
सप्तपदी के वचनों को जान लेना तुम,
साथ रहेगा अंतिम श्वास तक,ये मान लेना तुम
खुशियां ही नहीं, गम भी साझी होगा ,
ये जान लेना तुम।
सिर्फ अल्फ़ाज़ ही नहीं ,
ख़ामोशी भी मेरी पहचान लेना तुम।
अर्धांगिनी को साथी मान,
मेरे अस्तित्व को इक नई उड़ान देना तुम।
कहीं किसी मोड़ पर गर रूठ जाऊं तुमसे मैं,
तो खुद को मैं से जुदा कर ,मुझे थाम लेना तुम।
मै भी हूं तुझमें शामिल प्रियवर मेरे,
हरपल मुझको ये अहसास देना तुम।