सपनों का देश
सपनों का देश
उस पार
हमारा मिलन
संभव है,
मोहक सपनों के
देश में,
जहॉं परियॉं आकर
गाती हों,
सुलाती हों।
जहॉं न दुःख है
न श्रम है,
न अतीत की छाया
न कोई छलना
न वंचना,
उस पार हमारा
हमारा मिलन
संभव है।
उस पार
हमारा मिलन
संभव है,
मोहक सपनों के
देश में,
जहॉं परियॉं आकर
गाती हों,
सुलाती हों।
जहॉं न दुःख है
न श्रम है,
न अतीत की छाया
न कोई छलना
न वंचना,
उस पार हमारा
हमारा मिलन
संभव है।