Hemisha Shah

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1.0  

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सपनो का दामन ...

सपनो का दामन ...

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यूँ तो चांद का रिश्ता था रातो से 

पर रात की खामोशियों ने मेरा साथ दे दिया


बेरुख ना हो जाए ये रात, अपने चांद से 

इसलिए तारो ने सारा आसमान भर दिया


नींद भी मुकम्मल, यूँ तो हर रात की मगर

सपनो में ख्वाहिशों ने मेरा दामन भर दिया


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