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Praveen Gola

Inspirational

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Praveen Gola

Inspirational

सपने

सपने

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फिर कुछ सपने चमके ,
आँखों में इस तरह ,
जैसे बचपन में कभी ,
हुए पूरे सपने जिस तरह |

बचपन और ज़वानी ,
कभी एक जैसी नहीं होती ,
तब मिलते सपने खुद से ,
पर अब ढूंढने पड़ते हैं मोती |

उम्मीद पर है भरोसा ,
अपने भी दिन फिरेंगे कभी ,
कोई तो रास्ता जाता होगा ,
उस नई डगर में कहीं |

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सपनों को जीतने वाला  ,
बादशाह बन जाता है  ,
बेगम की माने तो उसे ,
दूसरा ना कोई भाता है |

एक दिन लहरायेगा ,
अपना परचम भी हर जगह ,
सपनों से परे होगा तब ,
अपना यथार्थ नई तरह ||




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