सफलता मेरी
सफलता मेरी
बच्चे बने संस्कारी
जब दें मान सम्मान बड़े होकर
और बने कर्मवीर
और बने दूसरों की लाठी
तो है यह मेरी सफलता
मुश्किल दौर का डेरा हो
तब संग सहजनो का घेरा हो
तो यह है मेरी सफलता
वाणी के कटु वचनों की अपेक्षा
हर दिल में मेरे प्रति सद्भावना,आदर हो
तो है यह मेरी सफलता
धन रूतबा तो आना-जाना
स्नेह आशीर्वाद मिले बड़ों और छोटो का
तो यह मेरी सफलता
संतुष्ट कर सकूं सबको
अपने निस्वार्थ कार्यों से
और दूसरों के काम आ सकूँ
तो यह है मेरी सफलता
अपने शिक्षा से सबको शिक्षित कर सकूँ
और उनको रोजगार परक बना सकूँ
उनकी उन्नति में सहायक बन सकूँ
तो यह है मेरी सफलता ।।