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Kunda Shamkuwar

Abstract Inspirational Others

4.8  

Kunda Shamkuwar

Abstract Inspirational Others

संस्कृति के रक्षक

संस्कृति के रक्षक

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हे ध्वज वाहकों!

हे संस्कृति के रक्षकों!!

कहाँ हो तुम सब!!!

जागो!!! क्योंकि संस्कृति खतरे में है....


जिस देश में तथाकथित सवर्ण

अवर्ण की छाया तक को

छू नहीं सकते वे क्या किसी

दलित का बलात्कार कर सकते है भला?

सारे तथ्यों को भुला दो तुम!

उनको जला दो तुम रात के गहन अँधेरे में.....

तमसो मा ज्योतिर्गमय!!!

सत्यमेव जयते!!!

यहीं तो हमें बचपन से सिखाया गया है, नहीं?


हे न्याय की देवी!

हे आँखों में पट्टी बाँधी देवी!!

हे न्याय के तराज़ू वाली देवी!!!


तुम भी सब तथ्यों को नजर अंदाज कर लो...

ठीक वैसे ही जैसे मजदूरों के पलायन पर किया था.....

अरे, हाँ! यह तो डिजिटल युग है...

ट्विटर और फेसबुक का ज़माना है...

जहाँ किसी के ट्विटर पर न्याय व्यवस्था

सर्वोच्च ताक़त झोंक देती है....


हे मन की बात कर

ने वालों!

हे मन की बात ही सुननेवालों!!

हे सिर्फ अपनी मन की करने वालों!!!


कभी जन मानस की भी सुनो....

पीड़ित सहमे हुए है....

और जागरूक जनता नज़रें चुरा रहे है.....

क्योंकि सिस्टम नंगई पर उतर आया है....

दिन के उजाले में ताक़तवर मीडिया का

प्रवेश निषिद्ध हो जाता है.....


आज अख़बार एक ही बात कर रहे है.....

टीवी में भी एंकर तीखे सवाल कर रहे है...

लेकिन जवाब?

जवाब कही एसी ऑफिस में खामोश बैठे हुए है...

सारे घटनाक्रम पर उनकी नज़र जो है.....


"बेटी बचाओ - बेटी पढाओं" के नारा देनेवाले मन में ही बात कर रहे है....

बेटियों के संग सेल्फी लेने वाले आज अपनी ही बेटियों से नज़रें नहीं मिला पा रहे है.....


हे ध्वज वाहकों!

हे संस्कृति के रक्षकों!!

कहाँ हो तुम सब!!!

जागो!!! क्योंकि संस्कृति खतरे में है....



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