संस्कार भाग २
संस्कार भाग २
मेरी प्यारी डायरी
आज फिर संस्कार की बात करते हैं
सूरज चाहे कितना भी दूर हो
सूर्य नमस्कार करना
घर में रोशनी आने का रास्ता ज़रूर देनाI
माना चाँद –तारे बहुत दूर हैं हमसे
बच्चों को इनकी कहानी सुनाना
छत से चाँद –तारों की चमक ज़रूर दिखाना I
बारिश होती है जब झमा –झम
बच्चों को करने देना मस्ती
कागज़ की कश्ती उसमें ज़रूर चलाना।