सनम मेरे
सनम मेरे
सनम मेरे बेशक तू मुझसे बात न कर,
दिल में बसाके, दिल से यूॅं दूर न कर
।
मोहब्बत जिंदा है मेरी, मेरे अश्कों से पूछ,
पत्थर बन, पत्थर जैसे पैदा हालात न कर ।
वादे किए, करके क्यों तोड़ दिये तुमने,
हसीं सपनों के उजालों में काली रात न कर ।
एक बार तो मुड़कर देख ले मोहब्बत की खातिर,
मेरे मासूम दिल पर इतना कठोर आघात न कर ।
मैं जैसा भी हूं, हूं तो तेरा ही... मान या न मान,
सनम मेरे यों गमों की मेरे जीवन में बरसात न कर ।
तुम भले भूल जाना मुझे, मैं न भूलूंगा,
सनम मेरे बेशक तू मुझसे बात न कर ।