संगीत
संगीत


नदियों के बहने से कलकल की ध्वनि आती है।
झरने में संगीत की सरगम सुनाई देती है।
पत्तों की सरसराहट मंत्रमुग्ध कर देती है।
सन्नाटे में भी ओम की आवाज गूंज उठती है।
कान्हा के अधरों पर बाँसुरी की धुन सजती है।
शिव के हाथों में भी हमेशा डमरू रहती है।
दुख ,सुख भी हमारे संगीत के बिन अधूरे।
संगीत की धुन तो हमारी सांसो में बजती है।
प्रेम का इकरार भी संगीत से होता है।
रूठ जाये जो प्रेमी तो संगीत से मनाते है।
संगीत है वो आनन्द जिसमें भीगने से
परमात्मा भी खुद को नहीं रोक पाते है।