समय
समय
कभी समय मिले तो खुद को भी देख दूसरे में क्या रखा है ?
ज़िंदगी निकल जाएगी देखते-देखते वक्त कहां रखा है।
खुद के लिए बहुत कुछ है इस दुनिया में,
ना हो कि सब कुछ तू खो दे इस जहां में,
कभी समय मिले तो खुद को भी देख दूसरे में क्या रखा है।
तेरे हर नादानी को खुदा माफ कर देगी तू इतना समझ ले,
इस जहां में किसी का कुछ नहीं तू इतना समझ ले,
कभी समय मिले तो खुद को भी देख , दूसरे में क्या रखा है।
ऐसा ना हो कि बाद में तुझे पछताना पड़े,
जान लो अभी बाद में फिर ना समझाना पड़े,
कभी समय मिले तो खुद को भी देख दूसरे में क्या रखा है।
ज़िंदगी निकल जाएगी देखते-देखते वक्त कहां रखा है।