समय
समय
समय हमें भी सिखलाता है,
निरंतर चलते जाना है।
बिना रुके बिना थके,
आगे बढ़ते जाना है।
छोटे-बड़े को साथ ले,
मुस्कान हमें फैलाना है।
हर दीवार को पार करके,
उस पार हमें तब जाना है।
इस दुनिया में खुशियां छोड़कर,
परमात्मा में समाना है।
फिर नए अवतार लेकर,
जग में वापस आना है।