समय का खेल
समय का खेल
ये समय की तो है खेल
जिन्देगी से उम्र का मेल
बचपन भी है
नादानी देखि है
युही ये बीत गये पल
ये समय की तो है खेल......
जवानी आया तो
चंचल मन को
किया है बड़ा हल चल
ये समय की तो है खेल.....
फिर संभल के
संसार बनाके
बिताया खुशीसे वो पल
ये समय की तो है खेल....
वो गुजर गया
बुढ़ापा तो आया
ना जाने वो क्या होगा काल
ये समय की तो है खेल....
आज जी लो यार
जी भरके प्यार
जीबन को ये हर पल
ये समय की तो है खेल....
धुंद -
ये नीलगगन के तले....