समझाते खुद भगवान
समझाते खुद भगवान
हर स्वप्न होगा साकार भर लो मन में विश्वास
तोड़ो जग के सारे बन्धन छू लो तुम आकाश
बढ़ाओगे कदम आगे तो विघ्न सर झुकायेंगे
देखे तुमने जो सपने साकार सभी हो जायेंगे
अमावस की रात भी पूर्णिमा में बदल जाएगी
सब्र रखना ख़ुशियाँ तेरे जीवन में भी आयेगी
बढ़ते जाओ लेकर एक परमपिता का सहारा
मंझधार में बहती नैया पाएगी जरूर किनारा
ग़म के अंधेरे अब तो कुछ पल के हैं मेहमान
और कोई नहीं तुझ को समझाते खुद भगवान