समाज
समाज
सड़क पर पड़े पत्थर की
कीमत तब समझ में आती है,
जब सुनसान वीरान सड़क पर
आवारा कुत्ते घेर लेते हैं,
उसी तरह समाज का महत्व भी
तभी समझ में आता है
जब आप मुसीबत में होते हैं,
इसलिए........!
केवल समाज से जुड़ना ही महत्वपूर्ण नहीं...
समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह भी करते रहें....
सिर्फ विपत्ति आने पर ही समाज से अपेक्षा ना करें....
साथ रहें!
संगठित रहें!
सुरक्षित रहें!