सलाम
सलाम
बना के दिल को कागज़,
अपने ख्वाबों को स्याही..
हर रोज़ पाकीज़ा मुहब्बत का
पैग़ाम तुझे भेजते हैं..
न लफ्ज़ होते हैं उसमें,
न हर्फ़ की जरूरत होती..
हर बार सिर्फ चाहत भरी
दीवानगी का सलाम भेजते हैं..!!
बना के दिल को कागज़,
अपने ख्वाबों को स्याही..
हर रोज़ पाकीज़ा मुहब्बत का
पैग़ाम तुझे भेजते हैं..
न लफ्ज़ होते हैं उसमें,
न हर्फ़ की जरूरत होती..
हर बार सिर्फ चाहत भरी
दीवानगी का सलाम भेजते हैं..!!