सजग प्रहरी
सजग प्रहरी
सजग रहो ऐ वीर तुम, प्रहरी बन कर आज।
दुश्मन थर थर काँपते, तुमसे ऐ जाँबाज।।
मन में रखकर हौसला, कदम बढ़ा इस बार।
लुट न जाये देश को, कर दो अब संहार।।
गद्दारों को देश में, देना नहीं पनाह।
प्रहरी बनो रहो सजग, रक्षा की हो चाह।।
खत्म करो आतंक को, जड़ से करो विनाश।
प्रहरी भारत मातु के, तुझ पर है विश्वास।।
बाँध कफ़न सर पे चलो, लुट न जाये मान।
सबक सिखा दो बढ़ चलो, मेरे वीर जवान।।
