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Dr. Chanchal Chauhan

Romance Others

4.0  

Dr. Chanchal Chauhan

Romance Others

सिर्फ़ तेरे लिए

सिर्फ़ तेरे लिए

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रोक लूँ इन आँखों को

     तेरे दीदार के लिए 

बन्द कर लूँ कानों को

      तेरे यश गान के लिए

ना हिलाऊँ ज़ुबान को

       तेरे गुणगान के लिए

कैद कर लूँ इस शरीर को

     तेरी रहमत के लिए

मगर इस दिल का

    क्या करूँ ??? 

     क्या करूँ जो धड़कता है 

    सिर्फ़ ही तेरे लिए 

    सिर्फ़ तेरे लिए ।।


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