Dinesh Dubey

Abstract

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Dinesh Dubey

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सीख

सीख

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सीख मिलती है जिंदगी में,

हर पल हर दम बार बार ,

पर हम इंसान फिर भी ,

गलतियां दोहराते हैं बार बार।

अच्छा हो या बुरा सबसे ,

मिलती है सिख कुछ ना कुछ,

अब हम पर है हम कितना,

सीख पाते हैं इस ज़माने से।

सीखने की न कोई उम्र है,

और ना ही कोई सीमा है,

बस सीखते चलना है ,

चाहे छोटी हो या बड़ सीख।



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