शुक्रिया
शुक्रिया
बात सुनकर मेरी करती वो प्रतिक्रिया
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया
मेरी बातों पे है करती इतना यकीं
कहता हूँ जो भी पल भर में उसने किया।
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
बात करके हमेशा खुशी ही दिया
और बदले में उसने न कुछ भी लिया
जिन्दगी जीने के ढंग सिखाती रही
और बताती है कि उसने कैसे जिया।
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
खिलखिलाती रही दर्द भी सह लिया
रो अकेले में ही खुद से सब कह लिया
बात करते हुए हम करें मसखरी
दाँत टूटे तेरे हमने जब कह दिया।
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
एक दिन उसको याद हमने जैसे किया
चंद घंटो में ही उसने मैसेज किया
बात दिल की मेरे जाने कब सुन गई
और तभी उसको शैतान तक कह दिया।
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
है हुनर उसमे इतनी न जाहिर किया
और अदब में भी वालिद ने माहिर किया
ये तेरा ये मेरा, सबका सब मिट गया
सबको इन्सानियत उसने सिखला दिया।
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
बात सच्ची सभी उसने बतला दिया
सोच से अपनी भी उसने इतला किया
सोच उसकी मेरे दिल में घर कर गई
सोचना कैसे है हमको सिखला दिया
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
दिल की बातें सुनी दिल का सब कह दिया
सोच थी एक सी कह के समझा दिया
सोच से उसकी ये रिश्ता ऐसा बना
अब तो दूरी नही कुछ भी है दरमिया
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
बात में अपना उसने कुछ यूं लिख दिया
खुद से ज्यादा यकीं उसने हम पर किया
रब मेरे तुझसे एहसास करता दुआ
चूमें उसके कदम शोहरतों की दुनिया
हम कहे कुछ भी तो वो करें शुक्रिया।।
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया।।