शुभोदर छंद
शुभोदर छंद

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पुष्प खिले मन अंचल।
नीलम लोचन चंचल।।
श्याम पिया मनभावन।
श्यामल रूप सुहावन।।
मान पिया मनमोहन।
जान जिया मम जीवन।।
पार करो भवसागर।
गोकुल के नटनागर।।
रैन बहें दृग आकुल।
श्वास रहे उर व्याकुल।।
आन मिलो मुरलीधर।
प्राण बनो उर भीतर।।