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Nivish kumar Singh

Others

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Nivish kumar Singh

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शराब छोड़ो

शराब छोड़ो

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बन्द बिहार में खुला बिकता विष अमृत पानी

जिसे पी सब करते जल्द स्वर्ग जाने कि तैयारी,


तेरी मेरी बात नहीं हैं

देख किसके घर कि चिराग बुझी हैं

अपनी उम्र हैं नहीं उतनी

जो विष अमृत से घटे न लम्बी ज़िंदगी..... 


उजड़े हुए घर से पूछो

बच्चों से छिने कलम को पूछो

बात मेरी जो लगे खारा

एक बार दिल को दिल से पूछो


पीना छोड़ विष अमृत पानी

प्यारे लोग प्यारी ज़िंदगी जीयो

बाँट परेशानी को अपनो संग 

खुश रखकर उनको खुशी से जीयो

ऐ प्यारे लोग हँसता चेहरा रख अपना

 घर का चिराग सदा जलाए जीयो, 


की तेरी मेरी बात नहीं हैं

देख किसके घर कि चिराग बुझ रही हैं। 


नोट:- मुझे उम्मीद हैं आप मेरे भाव को समझे होंगे,

यदि समझ गए और आप भी विष अमृत पानी (शराब,दारू) का

सेवन करते हैं तो खुद भी त्यागे और दूसरे घर के चिराग को भी बुझने से बचाए।



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