शिव स्तुति
शिव स्तुति


शिव शंकर कामारि प्रभु, सुमिरौ शीश नवाइ।
दया करो मुझ अधम पर, काम भाव मिटि जाइ।
कामभाव मिटि जाइ, विषय आशक्ती छूटे।
प्रभु का हर क्षण ध्यान ,गैर का अहित न सूझे।
करू सदा उपकार, चित्त मे द्वेष न उपजै।
कटे मोह का फन्द, जुबां से निकले शिव शिव।