शिव महिमा
शिव महिमा
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शिव शंभु हर हर महादेव
काशी में बिराजे विश्वनाथ
हर हर गंगे का जय निनाद
मिट जाएं जीवन से विषाद
महाकाल के रूप में आए,
उज्जैन नगर में आन विराजे
काल भैरव भी रक्षक बनके
मंगलनाथ भी साथ बिराजे ।
यहां नर्मदा पावन बहती
चरणों का प्रक्षालन करती
नित अपने भोले बाबा का
अभिषेक भी अपने जल से करती ।।
पवित्र नर्मदा का हर कंकर
पूजित हो बन जाए शंकर ।
महिमा अमर अटल शाश्वत है।
जीवन के रक्षक ही शंकर ।।
महिमा का उपहास किया जो।
सब कुछ पहले सह जाता वो ।
त्रिनेत्र जब उसके खुलते है
मिट्टी में सब मिल जाते हैं वो
शिव महिमा है।