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राही अंजाना

Abstract

3.8  

राही अंजाना

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शिव की शक्ति

शिव की शक्ति

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शिव की शक्ति बनकर तूने हर क्षण साथ निभाया नारी,

पिता- पती के घर को तूने हर एक क्षण महकाया नारी,


हर युग में अपने अस्तित्व का तूने एहसास कराया नारी, 

प्रश्न उठे भरपूर भले सबको निरुत्तर कर दिखाया नारी, 


ममता के आँचल में मानुष को तूने प्रेम सिखाया नारी,

आँख उठी जो तुझ पर तूने काली रूप दिखाया नारी,


बेटा-बेटी के बीच पनपते फर्क को तूने मिटाया नारी,

कन्धे से कन्धा मिला जग में सम्मान फिर पाया नारी,


सीता जी ने भी अग्निपथ पर चलकर के दिखलाया नारी,

अनंत काल से वर्तमान तक ममता का आँचल लहराया नारी।


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