शिक्षक- कभी न बुझने वाली लौ
शिक्षक- कभी न बुझने वाली लौ


विद्यालय की पहचान शिक्षक से होती है
सिखाते हमे विद्या का मोल
सच्ची मानवता की भावना जो भरे
जीवन सार्थक उनसे ही होती है II
नयी चुनौतियों को स्वीकारना
नए परिस्थिति का मुक़ाबला करना
छोटी आशाएं जो पूर्ण करें
पल भर की ख़ुशी देना उनसे ही होती है II
भविष्य सवारने की नींव जो डाले
पाप और लालच का अंतर बतलाये
अनकही बातें को समझे हमसे पहले
उज्जवल सपने देखना उनसे ही होती हैII
संचित ज्ञान का भण्डार खोलता
प्रेम सरिता की धारा बहाता
ऊंच नीच का भेद्बभाव मिटाता
कर्त्तव्य निभाने की सीख उनसे ही मिलती हैII
खुद पर उन्हें यकीन है बेहद
छलकते जल को समेटता वो
हर मुश्किल का हल सुलझाता वो
प्रेरणा कि स्त्रोत उनसे ही मिलती है II
हर गम में साथ दिया आपने
हर ख़ुशी में मुस्कुराया आपने
स्वयं को तराशना,श्रम और लग्न से
यही विश्वास का प्रसाद,आपसे ही पायी है II
सदाबहार महकता रहे आपका जीवन
ईश्वर से यही कामना है हमारी
आपके आशीर्वाद का सम्मान रखना
नए डगर की शुरुआत आज से ही होती है II