शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
गुरु से पाया हमने ज्ञान
गुरु की महिमा बड़ी महान
कैसे बांधूँ उन गुरुओं को एक दिन में
जिन्होंने मेरा पूरा जीवन दिया संवार
प्रथम गुरु होती है माता
अच्छे बुरे का ज्ञान जिससे हर कोई पाता
बच्चों के लिए खुद को देती भुला
मां से बेहतर कौन भला
द्वितीय गुरु हैं पिता हमारे
जिसने संतान के भविष्य संवारे
खुद जल कर बच्चों को रोशन करते
पिता ही जीवन में उजियारा भरते
तृतीया गुरु परम पिता परमेश्वर
जो है कण कण में व्यापक
सुख दुख दोनों का पाठ पढ़ाते
ईश्वर ही मिट्टी को सोना बनाते
चतुर्थ गुरु वो शिक्षक हमारे
हमारे भविष्य की नींव के सहारे
असल जीवन का जो देते ज्ञान
शिक्षक होते जग में महान
पंचम गुरु ये दुनिया सारी
ये भी तो है शिक्षक हमारी
नित नया सबक हमें पढ़ाती
कभी गिराती कभी उठाती
अन्तिम गुरु ये जिंदगी हमारी
होती जो सबको ही प्यारी
हमसे नित नए जो खेल खेलती
कभी हंसाती कभी है रुलाती
शिक्षक दिवस के इस शुभ अवसर पर
सभी शिक्षकों को मेरा प्रणाम।