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Manju Saini

Inspirational

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Manju Saini

Inspirational

शीर्षक:प्रतीक्षारत

शीर्षक:प्रतीक्षारत

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जीवन पतवार अपने हाथों

सौंपी थी तुम्हें

सवार हो जीवन नाव में चले 

साथ मेरे तुम

भटकते रहे हम दोनों हो

मंजिल के लिए

साथ मिला हमें दोनों का

यात्रा पूरी करने

निकल पड़े हम दोनों

मानो प्रतीक्षारत..!

जीवन डगर पर

रास्ते की तलाश में

टेढ़ी मेढ़ी राह पर

आसान राह की तलाश में

मानो समय घात लगाए

हो प्रतीक्षारत..!

हम झुठलाते हुए सभी को

बढ़ रहे हैं अनजान राह

बस साथ साथ

शायद मिले राह आसान कोई

चले हम राहगीर बन दोनों

मानो जीवन संध्या हो

प्रतीक्षारत..!



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