सहेली
सहेली
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आप क्या हो
बेदाग़ चाँद का टुकड़ा हो
आप तो कमाल हो
लाखों में एक हो
एक ही मुलाकात में
सबको अपना बना लेते हो
नज़र ना लगे
आपके हसीन चेहरे को
दिल की भी आप
बहुत ख़ूबसूरत हो
आप तो ख़ुदा का
दोस्ती भरा तोहफ़ा हो
चाँद चमकता है
जब तलक आसमां में
आप रहो रोशन
इस जहाँ में
खिली हो जैसे बहार में
खिलती ही रहना कामयाबी में
देते रहना सुकून
अपनी शीतल छाया से
आती रहे ख़ुशबू
आप जैसे गुलाब से
महक उठना आप भी
हर इक चाँदनी दुआ से।