सफेद- सफेद शांति और पवित्रता शीर्षक: शैलपुत्री माँ
सफेद- सफेद शांति और पवित्रता शीर्षक: शैलपुत्री माँ
नवरात्रि का पर्व है आया, प्रथम दिवस मन में यह लाया।
माता की मूर्ति बिठलाकर, प्रांगण में जगरात करवाया।
शैलपुत्री माँ मेरी प्यारी, उनका यह वृत्तांत बतलाया।
दक्ष ने घर यज्ञ करवाकर, शिव व सती को नहीं बुलाया।
प्रभु से आज्ञा माँग सती ने, फिर भी मन जाने का बनाया।
पितु घर पहुँच सम्मान न पाकर, सती को कुछ संशय हो आया।
यज्ञ में शिव का भाग न पाकर, सती ने अग्नि में खुद को जलाया।
इन्हीं सती ने हिमराज घर, उमा नाम धर जन्म है पाया।
वृषभ है वाहन श्वेतवर्णि माँ, हेमवती औ नाम है पाया।
शांति एवं सुख प्रदान कर, माँ ने हम सबको बतलाया।
चैन-अमन ही जग में फैला, इंसा तभी श्रेष्ठ कहलाया।
तुम्हीं मात हो पिता हो तुम्हीं,यही सार जगत ने पाया...यही सार जगत ने पाया।।