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Kalamkaar 51

Abstract

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Kalamkaar 51

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शादी के बाद ससुराल ही घर होता

शादी के बाद ससुराल ही घर होता

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शादी तो नायाब तरीके से होती है

शादी के बाद बेटी खुदकी पराया धन होता है

ससुराल ही घर होता है फिर अपना

शादी के बाद ससुराल ही घर होता है


अपने सुविधा क्षेत्र को छोड़ना पड़ता है

सास -ससुर को भी माता-पिताजी का दर्जा देना होता है

उनके ही हिसाब से फिर चलना पड़ता है

क्योकि शादी के बाद ससुराल ही घर होता है


सुबह जल्दी उठकर हर किसी की

फारमाइशों को पूरा करना पड़ता है

बहुओं को मर्यादा में हमेशा रहना होता है

घर को संभालना है साथ ही साथ सबको खुश रखना है


क्योंकि शादी के बाद ससुराल ही घर होता है

डोली जाती है जाहा अर्थी वहाँ से ही उठती है

मायके से नहीं ससुराल से पहचान शादी के बाद होती है,

परिवारवालों को एकजुट रखना होता है।


जैसा वो कहे वैसा करना होगा सब कुछ

क्योकि शादी के बाद ससुराल ही घर होता है।


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