सफ़र - टेल ऑफ लव
सफ़र - टेल ऑफ लव
जिंदगी कि सफर में दोस्तो
प्यार जरुरी होता है,
पहला..दुसरा कुछ नही होता
प्यार तो प्यार होता हैं...
उसके मेरे रिश्ते कि
बात हि कुछ निराली थी
मंझील से भी सुहानी,
सफर कि कहानी लुभानी थी...
सुनहरी शाम थी
गुमसुम सी वो मेरी शाम थी,
ठंडी हवा के साथ
समुंदर की लहरें भी गा रही थी..
सुरज भी ढल रहा था
शायद हमे अकेला छोड रहा था,
उगता हुआ चाँद
प्यार का पैगाम ला रहा था...
उसकी झुकी नझरों पर
मेरी नजरें रुकी थी,
ना जाने कैसे उसकी उंगलियोंमे
मेरी ऊंगलीया फसी थी...
धीरे से छुपके से
बातों की मेहफिल सज रही थी,
पर क्या मैने आप को बताया
की वो हमारी पहली मुलाकात थी...
भीगी भीगी रेत पर
नये सिलसिलें बढने लगे,
बातोंही बातों में मेरे लफ़ज
उसके लिये गाने लगे...
चलते चलते कदम युही थम गये
दुनिया जैसी खो गयी के हम करीब आ गये,
चाँद की रोशनी उसके चाँद पे आने लगी
उसके सांसोकीं हवायें मेरे कानोमें गुंजनें लगी...
उसके बंद आँखों में भी
ना जाने क्या जादू था,
उसके नर्म होठो पे अब
मेरे होठो का बसेरा था...
मुझे याद नही दोस्तो
के मैने आप को बताया था
के उस वक्त तक हमारे प्यार का
इजहार ही नही हुआ था
के उस वक्त तक हमारे प्यार का
इजहार ही नही हुआ था.....
ऐसीं थी वो शुरुवात मेरे उस कहानी की
जो बन गयी मेरी परछायी सी,
ना जाने किस मुकाम ले जायेगी ये मुझे
साथ ना होकर भी हर पल साथ जैसी...!