सुरशक्ति गुप्ता
Abstract
झूठे इंसानों की बातें
शहद जैसी मीठी
और सच्चे इंसान की बातें
कड़वी पर हमेशा सत्य होती है।
प्यार
प्रेम संदेश
नवरात्रै
रंगोत्सव
श्रीराम
विश्व हिंदी द...
एकान्तता
सर्वश्रेष्ठ उ...
तपन
अपनी दिल की आवाज़ को अनसुना नहीं करती मैं अपनी माँ जैसी नहीं हूँ। अपनी दिल की आवाज़ को अनसुना नहीं करती मैं अपनी माँ जैसी नहीं हूँ।
जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया । जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।
शृंगार बालों का हुआ है, झूलती है चोटियाँ। चकले थिरक जाते खुशी से, बेलती जब बेटियाँ। शृंगार बालों का हुआ है, झूलती है चोटियाँ। चकले थिरक जाते खुशी से, बेलती जब बे...
प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार। प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार।
गुप्त आत्मालाप से जाग्रत हो उठती है, आत्म अनुभूतियाँ। गुप्त आत्मालाप से जाग्रत हो उठती है, आत्म अनुभूतियाँ।
सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं
चलो दिवाली का एक नया रूप हम दिखाते हैं, दिवाली ऐसी भी होती आप सबको बताते हैं। चलो दिवाली का एक नया रूप हम दिखाते हैं, दिवाली ऐसी भी होती आप सबको बताते हैं।
हमने अंग्रेज़ी में सोचना सीख लिया है, पर हम महसूस हिंदुस्तानी में करते हैं. हमने अंग्रेज़ी में सोचना सीख लिया है, पर हम महसूस हिंदुस्तानी में करते हैं.
दे जाती है मुझे शब्द और मेरी कल्पना का अविरल रूप बन जाती है। दे जाती है मुझे शब्द और मेरी कल्पना का अविरल रूप बन जाती है।
बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है? बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है?
बच्चे कब समझ पाते अपने माँ बाप की भावना ,उनकी परेशानी और जब तक समझते हैं जब खुद उसी जगह खड़े होते है... बच्चे कब समझ पाते अपने माँ बाप की भावना ,उनकी परेशानी और जब तक समझते हैं जब खुद...
रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी पीठ थपथपाया रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी ...
शायद कभी कोई सल्तनत मिली नहीं मुझे तभी ये गुमाँ है कि तमाम ऐबों से जुदा हूँ मैं शायद कभी कोई सल्तनत मिली नहीं मुझे तभी ये गुमाँ है कि तमाम ऐबों से जुदा हूँ मैं
हिंदी का सम्मान हमारा स्वयं का देश का है सम्मान, हिंदी का सम्मान हमारा स्वयं का देश का है सम्मान,
इसके प्रभाव से सामाजिक उत्थान हुआ एक दौड़ की परिधियों के पार हुई। इसके प्रभाव से सामाजिक उत्थान हुआ एक दौड़ की परिधियों के पार हुई।
राष्ट्रप्रेम की भावनाओं का, जिनको होता नहीं है अर्थ उन नरों का जीवन भी क्या है राष्ट्रप्रेम की भावनाओं का, जिनको होता नहीं है अर्थ उन नरों का जीवन भी क्या ह...
मत बाँधिए नियमों की जंज़ीरों से, आज़ाद जीना चाहती हूँ मैं; मत खींचिए कोई लक्ष्मण रेखा, बेखौ... मत बाँधिए नियमों की जंज़ीरों से, आज़ाद जीना चाहती हूँ मैं; मत खींचिए कोई ल...
चॉक्लेट चूरन तेल साबुन खबरों वाले अब अख़बार नहीं होते। चॉक्लेट चूरन तेल साबुन खबरों वाले अब अख़बार नहीं होते।
यहाँ तो दरिया में पड़े पत्थर की तरह कतरा कतरा टूटा हूँ मैं यहाँ तो दरिया में पड़े पत्थर की तरह कतरा कतरा टूटा हूँ मैं
जैन धर्मी अनुयायी करे जैन धर्म चिंतन, हर्षोल्हास से मनाकर पर्युषण पर्व, दस धर्म दस द जैन धर्मी अनुयायी करे जैन धर्म चिंतन, हर्षोल्हास से मनाकर पर्युषण पर्व, दस ...