सच
सच
सच कहने की हिम्मत रखती हूं,
शायद इसलिये लोगों को खटकती हूँ,
फ़र्क नहीं पड़ता कौन दूर है कौन है पास,
हमेशा अकेले जीना सीखा है मैंने,
विपरीत परिस्थितियों से अकेले लड़ना सीखा है मैंने,
कभी किसी से नहीं रखी कोई आस,
अपने कर्तव्य निभाती हूँ,
अपनों का ख़याल भी रखती हूं,
लेकिन सच कहने की हिम्मत रखती हूं,
शायद इसलिये कुछ लोगों को खटकती हूँ।