सबका दिमाग लाभ की ओर
सबका दिमाग लाभ की ओर
सब अपने-अपने लाभ का दिमाग रखते हैं,
जहां भी जिस को लाभ मिला वहां हाथ मिलाते हैं।
घर हो चाहे बाहर हो सब लाभ का ही सिलसिला,
लाभ किसी को नहीं मिला तो वहां सभी से शिकवा गिला।
मतभेदों का कारण भी तो लाभ होता है,
चाहे लाभ यश हो चाहे पैसा होता है।
लाभ न लेता मानव तो जीवन नीरस हो जाता,
बिना लाभ के मानव विकास भी ना कर पाता।
लाभ तो मेरे यारों बड़े काम की चीज निकली,
लाभ न छोड़ो मेरे यारों और चढो अगली भी सीढ़ी।
और चढ़ो अगली भी सीढ़ी......