"सब भाषा को प्यार करो "
"सब भाषा को प्यार करो "
अपनी भाषा को तो पढ़ते नहीं ,दूसरी भाषा को कौन पढ़ेगा ?
इतने व्यस्त हो गए आजकल ,औरों की बातों को कौन सुनेगा ?
भाषा- बोली सबकी अच्छी होती है ,जब तक हम उसे समझते हैं !
समझें नहीं जब उनकी बोली ,उसे काला अक्षर ही हम कहते हैं !!
पर आसान हो गया अब तो ,सब हम यहाँ पढ़ सकते हैं !
पढ़ने की जिज्ञासा रहने से ,गूगल गाइड बन जाते हैं !!
ध्यान सदा हीरखना होगा ,संक्षिप्तता में ही रहना होगा !
लम्बी लेख को कम पढ़ते हैं ,छोटे लेखों को लिखना होगा !!
सब भाषा हैं मधुर अपनों में ,सबको सीखने का यत्न करें !
जहाँ कहीं भी जरूरत होगी ,उसे लिखने का प्रयत्न करें !!