सैलाब
सैलाब
सैलाब आंसुओं का
छुपाने का हुनर है इन आंखों में
बहुत बड़ी अदाकारा हूं मैं
तुम्हें वही दिखाती हूं
जिन्हें देख तुम खुश हो जाते हो
यह हंसती आंखें
न जाने कितनी बार रोई है
छुपाया है आंसुओं के समंदर में
न जाने कितने किस्से कहानियां
ये कहानियां बोलेंगे चर्चे होंगे तब
जब निष्प्राण होगा ये तन
कायल हो जाओगे तुम भी
मेरी इस कला से
न अभी मत कुरेदो उन राज को
सलीके से दफन किया है
जिसे आंसुओं के सैलाब में
गर दिखे कहीं कभी तो
चुपके चुपके तुम भी
आंसू बहा देना
यादों में दफन कर
दिल में छुपा लेना।