सार्थक मरना
सार्थक मरना
मेरा हृदय मेरा न था
तुम्हारा ही था
तुमने अपने ही हृदय में
चाकू घोंप दिया
अविश्वास का
देखो दम तोड़ते हुए भी
तुम्हारा नाम निकल रहा है
अब ये आंसू किस काम के
चलो मरकर भी
भरोसा हुआ तो अच्छा लगा
मेरा मरना सार्थक हो गया।
मेरा हृदय मेरा न था
तुम्हारा ही था
तुमने अपने ही हृदय में
चाकू घोंप दिया
अविश्वास का
देखो दम तोड़ते हुए भी
तुम्हारा नाम निकल रहा है
अब ये आंसू किस काम के
चलो मरकर भी
भरोसा हुआ तो अच्छा लगा
मेरा मरना सार्थक हो गया।