साहस और सफलता
साहस और सफलता
संघर्ष भरे इस जीवन में
कुछ जीत गये कुछ हार गये
सम्मुख पाये जब राह कठिन
कुछ चकराकर हिम्मत हार गये।
कुछ चले कदम दो कदम मगर
कायरता कायर छलका गये
कुछ साहस से कदम बढ़ाकर
वहीं सफलता को चूम गये।
सोच सोच में अंतर देखे
उलझे सुलझे पहचान गये
अरे मुसाफिर चलकर हारो
क्यों पहले ही घबरा गये।
कदम कदम चलने वाले ही
मंजिल दूर की कवि पा गये
डाँड़ा डाँड़ा चढ़कर सीढ़ी
'वीनू' मग आसान कर गये।
जीवन में मिली समस्या ढेर
तब एक-एक कर सुलझा गये
साहस और सफलता मिलकर
दोनों गीत जीत के गा गये।