रवानी

रवानी

1 min
201


ये जो चाँद आधा है 

कल की सूरज का वादा है 


जो रात जितनी अँधेरी है 

उसकी सुबह में उतनी रौशनी है 


ये जो बादलों से भरा है आसमान 

कल की धूप का है पैग़ाम 


तेरी आँखों का जो पानी है 

वो भी आने वाली ख़ुशी की कहानी है 


तू बस चलते ही जाना मुसाफ़िर कैसा

भी हो गुज़र ही जायेगा वक़्त 

ज़िंदगी की ख़ूबसूरती तो रवानी है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational