रूमानी शाम
रूमानी शाम
गुजारनी है एक रूमानी शाम
सिर्फ आपके साथ
जहां केवल हम हो
कोई अहम ना हो
दरमियान हमारे बस
प्यार की खुमारी हो
एहसासों की जुगलबंदी हो
बातें प्यारी प्यारी हो
मद्धिम सी रोशनी में
जज्बातों का गुलशन सजे
डूबे रहे एक दूसरे की आंखों में
आवाज सिर्फ धड़कनों की हो
यूं तो है हम बरसो से साथ
सोचा क्यों ना करे कुछ ऐसा
रूह को रूह से मिलाया जाए
रिश्तों में गर्माहट लाई जाए
अनचाहा से खालीपन को
साथ रह कर मिटाया जाए
एक बार फिर अपने रिश्ते में
नई ऊर्जा, नयापन भर दिया जाए।।