रंगमंच है ये जगत
रंगमंच है ये जगत
सबकी जीवन डोर को, थामे वो सरकार
रंगमंच है ये जगत, हम सब हैं किरदार
हम सब हैं किरदार, खुदा जो है राम वही
देता जग को अमन, शान्ति का पैगाम वही
महावीर कविराय, सुने वो दाता उसकी
जो उसके दरबार, ख़ैर मांगे है सबकी।
सबकी जीवन डोर को, थामे वो सरकार
रंगमंच है ये जगत, हम सब हैं किरदार
हम सब हैं किरदार, खुदा जो है राम वही
देता जग को अमन, शान्ति का पैगाम वही
महावीर कविराय, सुने वो दाता उसकी
जो उसके दरबार, ख़ैर मांगे है सबकी।