रंग- गुलाबी चंचल चाँद
रंग- गुलाबी चंचल चाँद
सारी दुनिया गहरी नींद समाये
ये चाँद ना मुझसे नैन लड़ाये
मेरे सामने घटा में जा छुपा है।
ये चाँद मुझसे बैरी हो चुका है
पुछूं जो कभी पिया जी का हाल
इठलाता है ना बताता कोई बात
शायद इसका भी दिल खो चुका है।
ये चाँद मुझसे बैरी हो चुका है
कभी मुंडेरों की ओट छिप जाये
कभी पेड़ों की झुरमुट में समाये
मोती सा हृदय चकोर से पिरो चुका है।
ये चाँद मुझसे बैरी हो चुका है
आकाश में लुकछिप क्यों जाता ये
बेदर्द मेरे हृदय को क्यों जलाता ये
निर्मोही चंदा शर्मोहया धो चुका है।
ये चाँद मुझसे बैरी हो चुका है।