रखी का बंधन
रखी का बंधन
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मलमल का कुर्ता, और माथे पर रोड़ी।
खीर की कटोरी, एक रेशम की डोरी।
डोरी में है प्यार बँधा, रोड़ी में विश्वास,
आज रक्षा बाँध कर, बहन दें आशीषl
धागों में दिलों के, ये रिश्ते बँध जाते हैं,
हरे, नीले, पीले, कई रंगों में रंग जाते हैं,
बचपन में साथ थे, अब यादों का हाथ है,
चिट्ठी में होता है, उसके होने का एहसास।