STORYMIRROR

Rajesh Mishra

Others

2  

Rajesh Mishra

Others

रिसता रिश्ता

रिसता रिश्ता

1 min
242

उन्होंने हमसे पूछा आदमी से

आदमी का रिश्ता

मिटता जा रहा है क्यूँ

हमने कहा इसे समझिए कुछ यूं


रिश्ता एक मधुर रस है

जो दिलों में पनपता है

आज हर आदमी के दिल में

एक बड़ा सा छेद है(द्वेष का)

जिसमें से ये रिसता है



Rate this content
Log in