रिश्तों का असमंजस
रिश्तों का असमंजस
सुकून मिलता है जब उनसे बात होती है,
हज़ारों रातों में वो एक रात होती है,
ज़िन्दगी जीने का नजरिया बदल जाता है,
जब इन आँखों को उनका दीदार होता है,
निगाहें उठा कर जब वो देखती है मेरी तरफ,
मेरे लिए वो एक पल पूरी कायनात होती है,
कुसूर ना उनका था ना मेरा,
हम दोनों ही रिश्ते निभाते रहे,
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे,
हम मोहब्बत को दिल में छिपाते रहे,
कभी कोई जाना अनजाना हो जाता है ,
कभी किसी अनजाने से प्यार हो जाता है,
ये जरूरी नहीं की प्यार करने वालों से ही प्यार हो,
कभी कभी दिल तोड़ने वालों से भी प्यार हो जाता है,
एक तरफ नफरत है जो पल भर में महसूस कर ली जाती है,
और दूसरी तरफ मोहब्बत जिसका यकीन दिलाने में सारी उम्र निकल जाती है।।