Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Deepak Dixit

Inspirational

3  

Deepak Dixit

Inspirational

रिश्ते

रिश्ते

1 min
12.2K


किसी ने हमसे पूछा,

रिश्ते बनते हैं, या फिर बनाये जाते है?’

हमने जवाब दिया ,

’पता नहीं, हम तो बस निभाए जाते हैं।


खून के रिश्ते तो, मेरे दोस्त, रेडीमेट आते हैं,

हम नहीं, बल्कि हमारे डीएनए इनको बनाते हैं,

न तो मैं अपना बाप बदल सकता हूँ,

न ही बेटा अपनी मर्जी का चुन सकता हूँ,

इसीलिए इन्हें निभाने मैं ही भलाई  है,

वर्ना होती बड़ी जग हंसाई है।


रिश्तेदारी की बात यहीं ख़त्म नहीं होती,

करारनामे के तहत भी बन सकती है जोड़ी,

मैं अपनी पत्नी और और बॉस चुनकर,

एग्रीमेंट के चक्रव्यूह में घुस तो सकता हूँ,

पर अभिमन्यु की तरह बाहर निकलने के लिए,

फिर बाद में अपना सर धुनता हूँ,

ये रिश्ते निभाने में अच्छे अच्छों के

पसीने छूट जाते हैं,

इनके असली रंग रिश्ते बन जाने के बाद ही

समझ में आते है।


पर श्रेष्ठम रिश्ते तो मन से बनाये जाते हैं,

और लोकलाज की परवाह किये बगैर निभाए जाते हैं,

दैहिक आकर्षण से इतर, ये अलौकिक बन जाते है,

तभी ये ‘राधा-कृष्ण’ की जोड़ी सा सम्मान पाते है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational