रब्बा दे दे मुझे तेरा शुक्राना
रब्बा दे दे मुझे तेरा शुक्राना


रब्बा दे दे मुझे तेरा शुक्राना,
मुझे तेरी गली है जाना,
तेरी बातों मैं क्या जादू हैं,
बस बन गया हूँ तेरा दीवाना
मस्त मौजी बन गया हूँ मैं,
अपने आप मैं खुशनुमा हूँ मैं,
यह तेरे प्यार का नशा या किसका नशा,
यारों गली भी मीठी लगे हैं
तेरी इबादत का न पता उसूल,
दिखता है तू सब मैं ही रसूल,
मुझे अपनी और खींच ले तू,
तेरे दर पे ढूंढों मैं अपना सुकू
सूफी जैसा हाल है मेरा,
तूने बिन मांगे इतना कुछ दे दिया,
इस फ़क़ीर को थोड़ी और रहमत बक्श,
अपने अक्स का तू दे दे नज़राना
रब्बा दे दे मुझे तेरा शुक्राना,
मुझे तेरी गली है जाना,
तेरी बातों में क्या जादू हैं,
बस बन गया हूँ तेरा दीवााना।